कंप्यूटर क्या है – What is Computer in Hindi
Computer एक प्रकार का Electronic Device है जो User के द्वारा लिए गए Data को Input मानता है और लिए गए Data को Process करके उसे Output यानी कि Result के रूप में दिखाता है
A computer is a type of electronic device that considers the data taken by the user as input and processes the data taken and shows it as output.
अर्थात Computer एक Electronic मशीन है जोकि User के द्वारा दिए गए Instruction को Follow करता है उनका पालन करता है
Computer is an electronic machine that follows the instruction given by the user.
जिनमें Input करने की क्षमता हो Process करने की क्षमता हो और फिर Result देने की क्षमता हो उसे हम लोग Computer कहते हैं
Those who have the ability to input have the ability to process and then have the ability to give results we call them computers
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो हमारे काम को आसान बनाता है, और कोई भी कंप्यूटर जिसे कुछ कार्यों के लिए प्रोग्राम किया गया है, वह उस कार्य को करता है या जल्दी और सही तरीके से काम करता है
A computer is an electronic device that makes our work easy and any computer that has been programmed for some set of works it performs that task or works quickly and correctly
Computer Full Form
C – Commonly (आम तौर पर)
O – Operated (संचालित)
M – Machine (मशीन)
P – Particularly (विशेष रूप से)
U – Used For (प्रयुक्त)
T – Technology/Teaching (तकनीकी)
E – Education (शैक्षणिक)
R – Reasearch (अनुसंधान)
कंप्यूटर के उपयोग | Uses of Computer in Hindi
चाहे Typing का काम हो चाहे E-mail भेजने का काम हो या फिर Game खेलने का काम ही हो या किसी भी तरीके का वेब ब्राउज़र करने का काम हो सभी के लिए हम लोग Computer का उपयोग करते हैं
किसी भी तरीके का Audio Recording करना हो Video Recording करना हो तब भी आप Computer का इस्तेमाल करते हैं इनके अलावा भी Computer के हजारों काम है जैसे स्कूल में कॉलेज में बरे बरे कंपनियों में
अभी के समय में आप यह भी बोल सकते हो बिना Computer हमारा जीवन अधूरा है !
Computer कैसे काम करता है ! How Work Computer
Computer सिर्फ 3 कामों को करता है पहला Computer Input लेता है दूसरा उसे Process करता है तीसरा Process किए गए Input को Output के रूप में दिखाता है अगर आपसे पूछे Computer की डेफिनेशन क्या है तो सिंपल आपको कहना है Computer एक ऐसी मशीन है जिनमें User के द्वारा लिए गए Data को Process करने के बाद Output दिखाई देता है वही Computer कहलाता है
Parts of a Computer
- A Motherboard
- CPU : A Central Processing Unit
- GPU : A Graphics Processing Unit , also known as a video card
- RAM : Random Access Memory, also known as volatile memory
- Storage: SSD : Solid State Drive or HDD : Hard Disk Drive
- UPS : Uninterruptible Power Supply
- MOUSE : Manually Operated User Selection Equipment
- KEYBOARD : keys Electronic Yet Board Operating A to z Response Directly
- PRINTER : Paper Roll Ink New Tray Everyone Run
- MONITOR : Mass On Newton Is Train On Rat
What is Motherboard
Motherboard किसी भी Computer System का Backbone होता है यह एक ऐसा जगह होता है जिनसे की सभी कंपोनेंट (Components) एक दूसरे के साथ जुड़े (Link) होते हैं जैसे मानो यह एक HUB के तरह काम करता है
Motherboard is the backbone of any computer system, it is such a place that all the components are connected with each other as if it works like a HUB.
- जिसकी वजह से Computer के दूसरे Device आपस में Connect हो पाते हैं
- Due to which other devices of the computer are able to connect with each other.
- Motherboard किसी भी Computer का एक Main Printed Circuit Board (PCB) होता है
- Motherboard is a main Printed Circuit Board (PCB) of any computer.
- MotherBoard को Computer की Central Communications Backbone Connectivity Point भी कहते हैं
- MotherBoard is also called the Central Communications Backbone Connectivity Point of the computer.
- एक ऐसा Equipment जिनसे सारे Equipment जुड़े रहते हैं और जो सारे Components को एक साथ जोड़ कर रखें
- A device to which all the equipment is connected and which keeps all the components together
- Components जैसे कि : RAM,CPU,HDD,SSD,TV CARD, GRAPHICS CARD ETC…
- Components Such as : RAM,CPU,HDD,SSD,TV CARD, GRAPHICS CARD ETC…
- इन सभी Component को सबसे पहले MotherBoard के साथ जोड़ा (Connect) जाता है ताकि यह उचित Power Supply कर सके
- All these components are first connected with the MotherBoard so that it can supply proper power.
Function of Motherboard मदरबोर्ड का काम
- Components HUB : Computer के दूसरे पार्ट जैसे CPU, RAM, HDD को Install करने की क्षमता (Capacity) रखता है
- Has the ability to install other parts of the computer like CPU, RAM, HDD
- Slots for External Peripherals (पˈरिफ़रल्) : कंप्यूटर से जुड़ा हुआ कोई उपकरण
- इनका काम Expansion (EXACT MATCHES) Slots को Available करवाना होता है जिसकी वजह से हम नए Device और Interface को यहां पर Install कर सकते हैं
- Their job is to make Expansion (EXACT MATCHES) slots available, due to which we can install new device and interface here.
- Power Distribution : Motherboard की मदद से बड़े ही आसानी से Computer कि दूसरे Component को Power Supply भी किया जाता है
- Power supply is also done to other components of the computer very easily with the help of motherboard
- Data Flow : यहां यह Motherboard Control करता है की सभी Peripherals (परीफेरल्स) अपने बीच सही ढंग से Communicate (कम्युनिकेट) कर रहा है और साथ ही साथ Data Traffic (डाटा ट्रैफिक) को भी मैनेज करता है
- Here it controls the Motherboard that all the peripherals are communicating correctly between themselves and at the same time manages the data traffic.
- BIOS : यह Computer Motherboard को Hold (पकड़) करके रखता है Read Only Memory को BIOS (बॉयोस) की जरूरत पड़ती है
- This computer keeps the motherboard on hold Read Only Memory requires BIOS.
What is CPU
CPU का पूरा नाम Central Processing Unit है तथा इनको Processor या Micro Processor के Name से भी जाना जाता है यह Computer में जुड़े विभिन्न उपकरणों को Control करता है यह Computer द्वारा प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण भी करता है यह एक Electronic Microchip है जो Data को Information में बदलते हुए Process करने का काम करता है और इन्हें Computer का Brain भी कहा जाता है यह Computer System के सभी कामों को Control करता है तथा यह Input को Output के रूप में Change करता यह Input तथा Output को Unit से मिल कर पूरा System बन जाता है CPU सभी तरह के Processing कार्य को करता है
यह एक Electronic Microchip होता है जो Data को दिए गए निर्देश के आधार पर Process करके UseFul Information में Change करता है तथा Computer System के सभी Works को Control करता है CPU कहलाता है
Function of CPU
- यूज़र द्वारा दिए गए निर्देश को Read करता है
- Calculations
- Data और निर्देशों को Store करता है जरूरत पड़ने पर उन्हें Access करके Output Memory के जगह उपलब्ध करवाता है
- यह सभी Components को Control करता है Example input output memory etc
Data instructions : Processing से पूर्व यूजर द्वारा दिए गए इनपुट डाटा
Intermediate Results : प्रोसेसिंग के समय सीपीयू द्वारा दिए गए रिजल्ट को
Final Information : Processing के बाद का Results
Types of CPU
Arithmetic Logic Unit
- ALU Computer CPU का Part होता है & वह कंपोनेंट होता है जहां Processing के दौरान निर्देशों का वास्तव में कैलकुलेशन होता है
- (Arithmetic Operation) अंकगणितीय क्रियाएं और अंकगणितीय गणनाएं है
- (Logical Operation) तांत्रिक क्रियाएं तांत्रिक गणनाए
Control Unit
- Computer से जुड़ी सभी पेरीफेरल डिवाइस जैसे कि Monitor Printer Scanner Mouse Hard Disk etc के कामों को कंट्रोल करता है
- सभी डिवाइसों के बीच तालमेल बैठता है
- डिवाइसों को बताता है क्या करना है कब करना है
Memory Unit
- प्रोसेसिंग के लिए जरूरी एवं सभी डाटा और निर्देशों को Store करना
- प्रोसेसिंग के मध्य परिणाम को Stote करना
- प्रोसेसिंग के अंतिम रिजल्ट को Store करना Output डिवाइस में जाने से पहले
What is GPU
GPU एक Computer System में लगा Hardware Device होता है जिनकी मदद से Photo और Video के अंदर के Graphics Render हो पाते है ईनकी वजह से हमारे Phone और Computer में चलाये जा रहे Photo और Video बहुत जल्दी और अच्छे से चल पाती है यह Computer और Phone में हो रहे काम के Speed को बढ़ाता है
Works
GPU CPU के सिद्धांतों पर काम करता है Software Application के साथ मिलकर काम करने वाला CPU Photo के बारे में सभी जानकारी GPU को भेजता है
चित्र बनाने के लिए GPU Screen पर Pixels का USe करने का तरीका तय करता है तब जाकर यह उस सूचना को एक केबल के माध्यम से Monitor को भेजता है
GPU AND CPU
- CPU और GPU दोनों ही एक Processor हैं लेकिन दोनों अलग-अलग कामों को करता है
- CPU Computer में होने वाली सभी गतिविधियों को Control करता है
- GPU Photo और Video के Pixel को Render करता है
- ईस GPU की वजह से CPU का काम कम हो जाता है
- GPU का काम आमतौर पर HIGH QUALITY GAMING EXPERIENCE को चलाने के लिए किया जाता है
- Video Editing और Content Creation के लिए खासकर GPU का उपयोग बहुत ही जरूरी है
What is RAM
Ram का Full Form Random Access Memory होता हैं ईसे Main Memory या Primary Memory भी बोला जाता है Ram के अंदर CPU के जरिए हो रहे काम का Data और Instruction Store होता है यह Memory CPU का एक भाग होता हैं इसलिए ईनका Data बड़े ही आसानी से Direct Access किया जा सकता है
- ईस Computer Memory में Data और Instruction Cells में Store रहता है
- सभी Cells कुछ Rows और Coloums से मिलकर बना रहता हैं
- जिन सभी का अपना एक Unique Address होता हैं
- ईस Unique Address को Cell Path के नाम से जाना जाता है
- CPU ईन सभी Cell से अलग-अलग Data Recive कर सकता है उसमें भी Without Sequent
- मतलब RAM में उपलब्ध Data को Randomly Access किया जा सकता है
- शायद इन्हीं सब कुछ IMPORTANT Factor की वजह से RAM का नाम Random Access Memory रखा गया है
- RAM एक प्रकार का Volatile Memory होता है
- इसलिए इसमें Store Data हमेशा के लिए Store नहीं रहता हैं
- जब तक RAM में Power Supply On रहती हैं तब तक RAM के अंदर Data Store रहता हैं
- Computer Shutdown होने पर RAM का सारा Data Automatic Delete हो जाता हैं
RAM की विशेषताएँ – Features, Highlights, Characteristics Of Computer RAM in Hindi
- CPU का एक Part (भाग) होता हैं
- ईसके बिना Computer अपना काम नहीं कर सकता हैं
- RAM Computer की Primary Memory होती हैं
- Available Data Randomly Access कर सकते हैं
- अस्थाई But Fast होता हैं
- RAM Costly होती हैं
- Storage से Different होता हैं
RAM के विभिन्न प्रकार – Types of RAM in Hindi
Computer Technology Continue Grow (विकास) कर रहा हैं जिसके वजह से इनके और भी महत्वपूर्ण भागों को भी Advanced होना पड़ता है जिनमें Computer RAM भी शामिल है RAM भी Advanced होने के कारण Work Characteristics में Available हुई है जिनको मुख्य दो भागों में बांटा गया है
- SRAM
- DRAM
1. SRAM
SRAM का पूरा नाम Static Random Access Memory (स्टैटिक रेंडम एक्सेस मेमोरी) होता है जिनमें Static (स्टैटिक) Word का Meaning (मतलब) होता है RAM में Data स्थिर रहना इसे बार-बार Refresh (रिफ्रेश) करने की जरूरत नहीं पड़ती है
यह Computer RAM (कंप्यूटर रैम) भी Volatile Memory होती है इसलिए जब तक इनका Power ON रहता है तब तक इनमें डाटा उपलब्ध रहता है जैसे ही Power Off होता है होता सारा Data Automatic Delete हो जाता है इस Memory को Cache Memory के रूप में Use (इस्तेमाल) किया जाता है
2. DRAM
DRAM का Full Name Dynamic Random Access Memory होता है जिनमें Word Dynamic होता है Dynamic का मतलब होता है Moving (चलायमान) मतलब हमेशा परिवर्तित होने वाला या हमेशा बदलने वाला इसी की वजह से इस Computer RAM को Continue Refresh करना पड़ता है तभी इसमें Data Store किया जा सकता है
DDR3 RAM इस DRAM Memory का एक बेहतर Example है CPU की Primary Memory के रूप में DRAM का ही Use किया जाता है क्योंकि इनमें से Data को Randomly Access किया जा सकता है और इनमें नया Data अपने आप Store होते रहता है जिनके कारण CPU की Working Capacity (कार्य क्षमता) Fast बनी रहती है
DRAM भी एक Volatile Memory होती है इसलिए इनमें Data Power Supply On रहने तक बड़े ही आसानी से Store रहता है
आज के समय में Computer Smartphomes Tablets Etc में DRAM का ही USE किया जाता है क्योंकि यह DRAM SRAM से सस्ती होती हैं
What is STORAGE
यह एक Type का Hardware होता है जोकि Data को Store,Port और Receive करने के काम में आता है यह जानकारी को Temporary रूप से और Permanent रूप से Store करने का काम करता है
यह किसी भी Type का Hardware हो सकता है चाहे वह Computer के अंदर लगता हो या फिर Computer के बाहर
Types of Storage Devices
यह भी एक Type से Computer का एक Part होता है यह Virtually सभी Data को Store रखता है एक Computer में बहुत तरह के Device होते हैं जैसे की RAM, SSD, HDD, Cache ETC
Computer में दो Type के Storage Devices होते हैं
- Primary Storage Devices
- Secondary Storage Devices
Primary Storage Devices :- यह Storage Devices अधिकतर छोटे रूप में ही होते हैं और इनके काम करने की Capacity काफी Fast होती है इनमें Data को चलाने की Speed काफी अधिक होती है जैसे RAM और Cache Memory
Secondary Storage Devices :- इनमें Data रखने की जगह की Capacity काफी अधिक होती हैं क्योंकि इनमें अधिक Storage होती हैं और यह Permanent रूप से Data को Store रख पाता है यह Internal और External दोनों Data को Save रखता है Example के लिए Hard-Disk, Optical Disk Drive, USB Storage Device
Storage Devices के उदाहरण
- HDD – Hard-Disk Drive
- SSD – Solid State Drive
- RAM – Random Access Memory
- ROM – Read Only Memory
- Flash Memory
- CD Drive – Compact Disk
- DVD Drive – Digital Versatile Disk (डीजिटल वर्सेटायल डिस्क)
- Blue Ray Disk
1. HDD – Hard-Disk
Hard-Disk एक ऐसा Storage Devices होता है जो कि Computer में Data को Store करने के काम में आता है जैसे कि Operating System, Software, File, Folder आदि को Store करने के लिए Hard-Disk की जरूरत पड़ती है
- यह एक Immutable (अपरिवर्तनशील) (ना बदलने वाला) Storage Disk Drive है
- Computer में HDD (हार्ड डिस्क ड्राइव) का Division (विभाजन) होता है
- Local Disk C मैं Computer की पूरी Operating System, Software, Driver etc की Storage होती है
- Local Disk C को हम Computer का Primary Partition भी बोलते है
- लेकिन Computer में इनके अलावा और भी पार्टीशन हो सकते हैं जैसे कि Local Disk C, Local Disk D, Local Disk E आदि
- एक Storage Device के हम जितने चाहे उतने Partition कर सकते हैं
- सभी Storage Device की Partition Capacity होती है
- एक Hard-Disk में कम Storage होने पर Partition होगा और ज्यादा Storage होने पर ज्यादा Partition होगा
- Seagate, WD (Western Digital), Hitachi, Lenovo, Toshiba कुछ Popular कंपनियां है जिनका Hard-Disk हम कहीं से भी खरीद सकते हैं
2. SSD – Solid State Drive
- यह भी Immutable (अपरिवर्तनशील) Storage Device होते हैं
- जो अधिक मात्रा में Data रखने के काम में आता है
- यह Memory एक Nand Flash Memory का Use करता है जिनसे की आसानी से हम इस Data को Run करवा सके Nand Flash Memory का Data सबसे पहले RAM पर Show करता है
- HDD के मुकाबले SSD काफी Fast होता है
- इन की Capacity Gigabyte तक होती है
3. RAM – रैम
- RAM एक Primary Memory है
- RAM की Help से Computer एक ही समय में बहुत सारे कामों को आसानी से कर सकता है
- हम RAM के Data को कितने भी बार लिख देख और हटा सकते हैं
- RAM एक variable Memory है
- Variable होने के कारण इन्हें Temporary Storage (अस्थाई स्टोरेज) के रूप में Use नहीं कर सकते
- RAM उस डाटा को Use में लेता है जिनको CPU चलाने को सोच रहा होता है
- इनकी वजह से हम किसी भी Type का File डाल सकते हैं और फिर उनको Delete भी सकते हैं और उसके जगह पर कोई और दूसरा File भी डाल सकते हैं
- RAM काफी Costly Memory होती है
- RAM की कीमत उनकी Memory पर Dependent (निर्भर) करती हैं
- RAM की काम करने की Capacity (क्षमता) काफी Fast होती है
4. (रोम) ROM – Read Only Memory
- इस Memory को केवल हम Read कर सकते हैं
- इनका Nature ना बदलने वाला होता है
- यह Program को Permanent Form (स्थाई रूप) में रखता है
- इनका Data अपने आप Change नहीं होता जब हम इन्हें खुद से Change करते हैं तब यह Change होता है
- ROM केवल CPU द्वारा पढ़ा जा सकता है
- CPU इन में कोई बदलाव नहीं कर सकता है
- CPU इसे Direct नहीं Read कर सकता
- ROM के Data को Read करने के लिए ROM के Data को Ram तक भेजना पड़ेगा फिर उसके बाद ही RAM की Help से CPU Data को Read कर पाएगा
- ROM की Data Storage करने की Capacity RAM से कम होती है
- यह Bootstraping में काम आते हैं
- इनमें भी Storage Capacity increase करने की कोशिश की गई थी लेकिन Effort Fail रहा
5. फ्लैश मेमोरी – Flash Memory
- यह एक Type से Unchanging Memory (अपरिवर्तनशील मेमोरी) का Stores (भंडार) है
- इनमें Generally Data को स्टोर करने के काम में लिया जाता है
- यह इस Type से Data को रखने के लिए काफी Use किया जाता है
- Flash Memory Card, Camera Memory Card, Computer Hard-Disk एक Flash Memory के Device हैं और यह इन Device में काफी तेजी से काम करता है
6. सीडी ड्राइव – CD Drive – Compact Disk
- यह एक Rectangular (आयतकार) Disk होता है
- जो Optical किरणें Laser आदि की Help से Data को डालने के लिए Use करती है
- Compact Disk बहुत Cheapest होती है
- इनमें लगभग 700MB की Memory Storage मिलती है
- CD को हम CPU में लगे हुए CD Drive में लगाकर चलाते हैं
- यह Portable (पोर्टेबल) होती हैं इनकी Help से हम CD को निकाल कर रख सकते हैं
7. डीवीडी ड्राइव – DVD Drive – Digital Versatile Disk (डीजिटल वर्सेटायल डिस्क)
- DVD को हम Digital Video Display भी बोलते हैं
- CD के मुकाबले DVD अधिक Data Store कर सकता है
- ज्यादातर यह ज्यादा बड़ा Data को Store करने के काम में आता है
- DVD तीन तरह की आती है जिनका नाम है Read Only Memory, Recordable, Rewritable
8. ब्लू रेय डिस्क – Blue Ray Disk
- यह एक Optical Storage Media है
- जो कि अच्छी Quality वाली File, Video, etc को रखने के काम में आता है
- यह Short Range Optical Rays का Use करता है
- यह 128GB तक के Data को Store कर सकता है
What is UPS
UPS का Full Name Uninterruptible Power Supply होता है यह एक Type का Electronic Device है जिनके अंदर में Electronic Parts के साथ-साथ एक Cell (बैटरी) को भी Connect किया जाता है इसका Use हम लोग तब करते हैं जब Electric Supply बंद हो जाता है और तब यह Computer की Help से Electric Line प्रदान करता है जिनसे Computer कुछ Time तक बंद नहीं होती और अंदर का Data भी Safe रहता है Market में कई Size के कई अलग-अलग Sap के UPS उपलब्ध होते हैं लेकिन आमतौर पर यह Rectangular and Freestanding Style के होते हैं
UPS के प्रकार – Types of UPS
Standby UPS : Standby UPS का Use तब किया जाता है। जब Power Supply Off हो जाता है तब यह Power Off होने पर उस Consumed Power को Computer में Supply करता है जिसमे Computer में उपलब्ध Data Safe रहता है
Line Interactive UPS : इन Line interactive UPS का Designing एक Standby UPS के समान होता है यह Online UPS और Offline UPS दोनों का Combination होता है इस UPS का Use आमतौर पर छोटे Business के लिए किया जाता है और साथ ही यह UPS Output के Electric Current को भी Control करता है
Standby online hybrid : Standby Online Hybrid UPS 10KVA के तहत UPS में USE किए जाने वाला एक Topology है जिनको Battery से Standby Converter मैं Switch On किया जाता है इसमें Battery Charger उतना ही छोटा होता है जितना कि Standby UPS में होता है
UPS के कार्य – Functions of UPS
- यह एक Unstable Source से Power को Control करता है
- User के Computer को सही ढंग से Switch करने और काम को बचाने की Permission देता हैं
- Computer को Damage के Against (खिलाफ) सुरक्षा प्रदान करता है
- Long Power Outage के दौरान Devices को Automatic रूप से Off कर देता है
- Battery की Supply की Situation की Monitoring और लॉगिंग
- Long Power Outage के बाद Device को फिर से Start करता हैं
- कुछ Error Conditions पर Alarm Provide करता हैं
- Short-Circuit Protection Provide करता हैं
Parts of UPS
Rectifier : यह एक electrical device है। rectifier का मुख्य फंक्शन AC को DC में कन्वर्ट करना हैं जो alternating current(AC) को direct current (DC) मे convert करता है
Battery: Battery एक Electrochemical Cell है जिसे Electricity के लिए Charge किया जाता है जब कोई Electric Power Supply कर रही होती है, तो उसका Positive Terminal Cathode होता है और इसका Negative Terminal Anode होता है
Inverter: यह एक Electrical Device है जो Rectifier Process का Reverse Work करता हैं यह Load के Use के लिए आनेवाले DC Supply को AC में Convert करता हैं जो Low Voltage DC को High Voltage AC में Convert करती है जो एक Solar Electric System में एक Inverter 12, 24 या 48 Volt DC ले सकता है और इसे 115 या 230 AC Household Electricity (घरेलू बिजली) में Convert करता है
Advantages of UPS
- Power Outage की Situation में सभी Computer और Electric System को Systematic करता हैं
- Generate Backup करने के Opposite एक UPS मे लगभग कोई Sound Output नही होता है
- एक UPS में Electrical Device अगर चलने पर रूक जाये तो भी आपका Data Safe रहता है
- UPS Eco Friendly होती है और Battery पर चलती है जो 5 Years तक चल सकती है
- अचानक Computer के Off होने पर Data Loss हो जाता है लेकिन अगर Computer मे UPS Connect है तो Data Safe रहता है
Disadvantages of UPS
- UPS Battery Last Longer नही चलती है और Requirement होने पर इसे Change करना पड़ता है
- UPS Battery को Long time तक Charge रखना पड़ता है
- Large Corporate Offices में UPS Power की Supply की Foundation के लिए एक बड़ा Investment Necessary Important है
Difference Between UPS and inverter
UPS : UPS का Use Maximum time Computer जैसे Devices में ही किया जाता है अगर किसी भी कारणवश बिजली कट जाए तो UPS का इस्तेमाल कुछ समय तक के लिए किया जाता है
Inverter : Battery और Inverter एक Circuit होते हैं जो DC को AC में Convert करता है और अधिकतर Inverter का Use घर के अंदर बिजली Backup करने के लिए ही किया जाता है
UPS : UPS का Use खासकर System का Backup लेने के लिए किया जाता है क्योंकि Backup Power Solution गिरने के लिए 1 Micro-Second का Time लगता है
Inverter : Computer के Backup Use में आने के लिए Inverter सिर्फ और सिर्फ एक ही वजह से पीछे छूट जाता है वह है Switch में देरी होना आपको पता ही होगा Inverter का Switch On करते Time तक हमारा System बंद हो जाएगा इसीलिए Inverter UPS का काम नहीं कर पाता है क्योंकि Computer कुछ Micro-Second में ही Off हो जाता है ऐसे में Inverter कुछ Time के बाद उन्हें Current Supply करेगा तो जाहिर सी बात है जो भी File Folder रहेंगे वह Delete हो जाएंगे इनसे Hard-Disk को भी खतरा हो सकता है Motherboard को भी नुकसान पहुंच सकता है और भी कई सारी चीजों का नुकसान हो सकती हैं